Railway Waiting Tickets Meaning: क्या मैं वेटिंग टिकट के साथ ट्रेन में यात्रा कर सकता हूं

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका फिर से एक नई पोस्ट में तो इस पोस्ट में हम रेलवे की जो वेटिंग टिकट होती है उसके बारे में विस्तृत जानकारी लेने वाले हैं इसमें हम जानेंगे कि रेलवे वेटिंग टिकट क्यों देता है और आप इसमें यात्रा कैसे कर सकते हैं तो अगर आप भी वेटिंग टिकट के साथ कहीं यात्रा करते हैं या कभी किए हैं या आपके भविष्य में करना पड़े तो पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को अच्छी तरह से पढ़ ले तो लिए अब बिना देर के शुरू करते हैं तो रेलवे की वेटिंग टिकट एक ऐसी व्यवस्था है जो यात्रियों को लंबी सफर करने का मौका देती है भले ही आपको सीट मिले या ना मिले लेकिन यह सिस्टम यात्रियों को एक उम्मीद देती है कि वह अपनी यात्रा को पूरी कर पाएंगे लेकिन साथ ही रेलवे को भी इससे बहुत फायदा पहुंचता है क्योंकि वेटिंग टिकट से यात्री को कंफर्म टिकट मिलने की संभावना तो रहती है जबकि रेलवे को इसके अलावा राजस्व की प्राप्ति होती है हालांकि कई लोग यह सोचते हैं कि अगर वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं की जा सकती है तो रेलवे इसे जारी क्यों करता है और यह एक बहुत ही आवश्यक और जरूरी प्रश्न है तो लिए आप सभी जानकारी को एक-एक करके जानते हैं

वेटिंग टिकट क्या होता है विस्तृत जानकारियां

तो आपको बता दे की वेटिंग टिकट एक प्रकार का रेलवे टिकट है जो तब जारी किया जाता है जब किसी भी ट्रेन में सभी सिम बुक हो गई होती हैं यह टिकट यात्री को एक वेटिंग टिकट नंबर प्रदान देता है जिसके आधार पर उसे व्यक्ति के पास बाद में कंफर्म सीट मिल सकती है अन्य जानकारियां निम्नलिखित पंक्तियों में दी गई है

  • रिजर्वेशन एजेंट कैंसिलेशन:- इसमें यात्री को शेयर्ड की वेटिंग सीट मिलती है।
  • वेटिंग लिस्ट:- इसमें कोई सीट नहीं मिलती है लेकिन आपको कन्फर्मेशन की संभावना होती है।
  • जनरल वेटिंग लिस्ट:- इसमें सामान्य श्रेणी के लिए वेटिंग लिस्ट मिलता है।
  • रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट:- इसमें आपको दूरस्थ स्थानों के लिए वेटिंग लिस्ट देखने को मिलती है।
  • पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट:- इसमें भी आपको पूर्ण कोटा के लिए वेटिंग लिस्ट देखने को मिलता है।
  • तत्काल वेटिंग लिस्ट:- अगर आप कहीं सफर करने के लिए तत्काल टिकट निकालते हैं तो ऐसे में आपके पास तत्काल टिकट के लिए वेटिंग लिस्ट देखने को मिलता है।
  • रोडसाइड स्टेशन वेटिंग लिस्ट:- इसमें छोटे स्टेशनों के लिए वेटिंग लिस्ट देखने को मिलता है।
  • रिमोट लोकेशन जनरल वेटिंग लिस्ट:- इसमें दूरस्थ स्थानों की सामान्य वेटिंग लिस्ट शामिल होती है।

रेलवे द्वारा वेटिंग टिकट क्यों जारी किया जाता है?

तो आपको बता दें कि रेलवे की वेटिंग टिकट जारी करने के पीछे कई कारण होते हैं इन कारण को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यवस्था नहीं केवल यात्रियों के लिए है बल्कि रेलवे के लिए भी फायदेमंद होता है

यात्रियों हेतु सुविधा

वेटिंग टिकट सभी यात्रियों को एक मौका देता है कि वह अपनी यात्रा की योजना को पूरी तरह से बना सके भले ही उसे समय सीट उपलब्ध हो या ना हो या उन्हें एक प्रकार से उत्साह प्रदान करता है कि आप अपनी यात्रा किन संभावना को बनाए रखें।

वेटिंग टिकट हेतु राजेश राजस्व का बढ़ना?

तो आपको बता दे की वेटिंग टिकट जारी करके रेलवे अपने राजस्व को बढ़ाता है यदि कोई यात्री अपनी यात्रा रद्द करता है तो उसे स्थिति में उसकी वेटिंग लिस्ट की सेट अगले व्यक्ति को मिल सकती है जिसे रेलवे को नुकसान नहीं होता है बल्कि और अधिक फायदा होता है।

रेलवे में सीट खाली न रहने की गारंटी

वेटिंग टिकट का सिस्टम या निर्धारित करता है कि कोई भी सीट खाली ना रहे और यदि कोई कंफर्म टिकट धारा की यात्रा नहीं करता है तो वेटिंग लिस्ट से किसी और को वह सीट मिल जाए

अपनी यात्रा की संभावनाएं को बनाए रखना

वेटिंग टिकट सभी यात्रियों की यात्रा कि संभावना को बनाए रखने में मदद करता है और कई बार लोग अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर देते हैं जिससे कि जो वेटिंग टिकट लिए होते हैं उनको सीट पाने का मौका मिल जाता है।

रेलवे वेटिंग टिकट कैसे काम करता है?

तो दोस्तों वेटिंग टिकट सिस्टम एक जटिल प्रक्रिया है जो कई चरणों में काम करता है इसलिए आपको यह समझना आवश्यक और महत्वपूर्ण है कि यह सिस्टम कैसे चलता है और किस प्रकार से आप वेटिंग टिकट के जरिए यात्रा कर सकते हैं।

  • टिकट बुकिंग:- जब जब सभी कंफर्म सिम बुक हो जाती हैं तो रेलवे वेटिंग टिकट जारी करता है कि अगर कोई भी कंफर्म टिकट वाला व्यक्ति अपना यात्रा कैंसिल करेगा तो उसकी जगह पर आपका टिकट कंफर्म हो जाएगा।
  • वेटिंग नंबर:- हर वेटिंग टिकट के एक क्रमांक दिए जो यह दर्शाता है कि आप कौन से नंबर पर हैं
  • अपग्रेडेशन:- इसमें जैसे-जैसे कंफर्म टिकट वाले व्यक्ति अपने टिकट को रद्द करते हैं वैसे-वैसे वेटिंग टिकट धारकों को उनके नंबर के अनुसार अपग्रेड किया जाता है और उनको सेट दिया जाता है।
  • चार्ट प्रिपरेशन:- चार्ट प्रिपरेशन कया मतलब होता है कि ट्रेन के चलने से कुछ घंटे पहले फाइनल चार्ट को तैयार किया जाता है।
  • ऑन द स्पॉट:- इसका मतलब यह होता है कि कभी-कभी यात्रा के दिन भी वेटिंग टिकट कंफर्म टिकट हो सकते हैं।

वेटिंग टिकट के फायदे क्या-क्या है?

तो वेटिंग टिकट सिस्टम के कई अनेक फायदे हैं जो इस यात्री और रेलवे दोनों के लिए उपयोगी और फायदेमंद है

  • यात्रा की संभावना:- इसमें सभी यात्रियों को अपनी यात्रा को पूरी करने का मौका मिलता है चाहे भले ही आपको शुरुआत में सीट मिले या ना मिले।
  • फ्लैक्सिबिलिटी:- इसमें सभी यात्रीगण अपनी यात्रा की योजना में लचीलापन रख सकते हैं।
  • रेलवे का राजस्व:- रेलवे को इससे अनेक प्रकार के राजस्व की प्राप्ति होती है
  • सेट उपयोग:- हर सीट का न्यूनतम और अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होता है।
  • पैसेंजर की संतुष्टि:- अधिक यात्रियों को यात्रा का अवसर मिलने से संतुष्टि मिलती है

वेटिंग टिकट के नुकसान क्या-क्या है?

अब तक हमने जाना की वेटिंग टिकट के फायदे क्या-क्या होते हैं लेकिन आपको तो यह पता ही होगा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही वेटिंग टिकट के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी है जिसे हम निम्नलिखित रूप में जानने वाले हैं

  • शंकाओं का भंडारण:- इसमें यात्री के पास संख्या बनी रहती है कि उसका टिकट कंफर्म होगा कि नहीं ऐसे में अगर उसे कोई सामान ले जाना होगा तो उसे काफी दिक्कत होगा।
  • आखिरी मिनट तक तनाव:- कभी-कभी यात्रा के दौरान ही टिकट की स्थिति पता चलती है।
  • रिफंड की प्रक्रिया:- अगर आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है तो आपका पैसा रिफंड लेने में समय लग सकता है।
  • अनेक योजना:- यानी कि यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा योजना भी बनानी पड़ सकती है
  • सीट की कोई गारंटी नही:- वेटिंग टिकट सीट की कोई गारंटी नहीं देता है।

अब वेटिंग टिकट पर यात्रा कैसे किया जा सकता है?

तो वेटिंग टिकट पर यात्रा करना थोड़ा भारी और जटिल हो सकता है लेकिन कुछ टिप्स का पालन करके आप अपनी यात्रा को सुगम और मंगलमय बना सकते हैं

  • नियमित चेक करें:- अगर आपको वेटिंग टिकट मिला है तो इस स्थिति में आपको अपने टिकट की स्थिति को नियमित रूप से चेक करते रहना है।
  • आकस्मिक प्लान:- आपको अपनी यात्रा के लिए वेटिंग टिकट पर ही निर्भर नहीं रहना है आपको एक वैकल्पिक यात्रा योजना भी तैयार रखना होगा।
  • सही समय पर पहुंचे:- आपको स्टेशन पर समय से 10 15 मिनट पहले ही जाना होगा ताकि आपको लास्ट मिनिट की अपडेट मिल।
  • स्टेशन पर टी टी ई से संपर्क:- आपको ट्रेन में ते से संपर्क करना होगा क्योंकि कभी-कभी वह आपकी मदद कर सकते हैं
  • दस्तावेज को तैयार रखना:- आपको अपने सभी दस्तावेज यानी कि आधार कार्ड और अपने टिकट का प्रिंट आउट निकलवा कर साथ में ले लेना है और अगर आप चाहे तो अपने मोबाइल में pdf भी दिखा सकते हैं।

वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना कब होती है?

  • सीजन के मौके पर:- त्योहार और छुट्टियों के दौरान कंफर्मेशन की संभावना बहुत ही काम ही होती है
  • रूट:- आपको अपने मनपसंद रूट पर कन्फर्मेशन मुश्किल ही है कि मिल सकता है।
  • वेटिंग नंबर:- आपके लिए यह अच्छी बात है कि कम वेटिंग नंबर वाले टिकट जल्द ही कंफर्म होते हैं।
  • टिकट के प्रकार:- आरएसी टिकट की तुलना में डब्ल्यू एल टिकट का कंफर्म होने की संभावना अधिक होती है
  • बुकिंग टाइम:- पहले की बुकिंग में कंफर्मेशन की संभावनाएं बहुत अधिक होती हैं।

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्

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